यूपी के ट्रक से 40 बाहरी लोग बिना जांच कराए रीवा के लिए रवाना

बड़ी खबर 


अशोक मिश्रा की कलम से


यूपी के ट्रक में 40 बाहरी लोग, बिना जांच किये, हुए रवाना
सिविल लाइंस थाना टीआई की घोर लापरवाही उजागर
मुकेश चतुर्वेदी, सतना। कोरोनावायरस महामारी के बीच घोषित लाक डाउन को नजरंदाज किए जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। उत्तर प्रदेश में रह ने वाले लोगों को लेकर कटनी से  एक ट्रक नंबर यूपी 96 t 1353 रवाना हुआ था। हरिजन थाने के सामने शक होने पर स्थानीय निवासी गब्बर सिंह सहित अन्य लोगों ने जब देखा कि बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के इस वाहन में छोटे और बड़ों को मिलाकर तकरीबन 40 लोग सवार थे। इस वाहन चालक के पास कोई भी लिखित अनुमति नहीं मिली। सिविल लाइंस थाने की टीआई अर्चना दि्वेदी को बाहरी लोगों के बारे में सूचना भेजी जरुर भेजी गई पर टीआई ने मौके पर आना जरुरी नहीं समझा। कोरोनावायरस महामारी के बीच लोगों की जिंदगी बचाने के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार और पूरा पुलिस अमला लगा हुआ है उसके बाद भी महिला टीआई अर्चना दि्वेदी की लापरवाही समझ से परे हैं। कटनी से आने वाले ट्रक को चलाने वाले ड्राइवर ने बताया कि कटनी से टीआई ने चालीस लोगों को छोड़ने के लिए कहा है। हरिजन थाने के सामने करीब एक घंटे तक हंगामा चलता रहा, इसके बाद भी संबंधित सिविल लाइंस थाने की टीआई अर्चना दि्वेदी हालात देखने के लिए उक्त स्थान पर नहीं आईं। जहां एक तरफ कलेक्टर अजय कटेसरिया, पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल जैसे दिग्गज अधिकारी पूरी ताकत के साथ लगे हुए हैं वहीं सिविल लाइंस थाने की टीआई अर्चना दि्वेदी ने लापरवाही का नमूना पेश किया है। लगातार टीआई मैडम को मोबाइल पर सूचना उपलब्ध कराई गई पर उन्होंने संबंधित लोगों की जांच कराने के लिए आदेशित तक नहीं किया, टीआई के कहने पर हरिजन थाने के सामने पकड़े गए ट्रक को मौके से रवाना कर दिया गया है। 


रीवा में दस्तक होने के बाद सतना वासियों में बेचैनी
कोरोनावायरस महामारी को नियंत्रित करने के लिए लाक डाउन घोषित किया गया है। विंध्य क्षेत्र लगातार इस महामारी से बचा रहा। इंदौर कलेक्टर की लापरवाही के कारण दो कोरोनावायरस संक्रमित मरीज को पहले सतना सेंट्रल जेल भेजा गया और उसके बाद उन्हें संजय गांधी अस्पताल रीवा ले जाया गया। किसी तरह सरकार ने दोनों मरीजों को भोपाल पहुंचा दिया। इस बीच रीवा शहर में कोरोनावायरस संक्रमित मरीज का खुलासा हुआ है। कोरोना मरीज पेशे से डॉक्टर हैं। उनके संपर्क में करीब 40-50 लोग आए हैं जिनके नामों का खुलासा हो चुका है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम संबंधित लोगों तक पहुंच रही है। रीवा में कोरोना मरीज के रुप में एक डॉक्टर के सामने आने की जानकारी उजागर हुई है। यह जानकारी फैलते ही सतना वासियों के बीच तहशत का माहौल है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रीवा में जो डाक्टर कोरोना मरीज हैं उनसे जुड़े कुछ लोग सतना शहर में भी है। एक तरफ सतना वासियों की जिंदगी पर खतरा उत्पन्न हुआ है और वहीं दूसरी ओर सिविल लाइंस थाना टीआई अर्चना दि्वेदी की लापरवाही के कारण बाहरी चालीस लोग बिना जांच किए ही रवाना कर दिए गए।


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