पूर्व मंत्री एवम् लहार विधायक ड्रा गोविंद सिंहली मिल सकती है नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी

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अशोक मिश्रा की कलम से


*!!.पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनौती देने के लिए कांग्रेस की रणनीति: पूर्व मंत्री एवं लहार विधायक डॉ. गोविंद सिंह को मिल सकती नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी.!!*
*पंकज पाराशर छतरपुर*
मध्य प्रदेश में इस साल होने वाले 24 उप चुनाव में ग्वालियर-चंबल अंचल में दो तिहाई सीटें हैं। यहां भाजपा और कांग्रेस ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की रणनीति पर काम कर रही हैं। इस क्षेत्र में अब तक कांग्रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया का वर्चस्व था लेकिन आज वे भाजपा में हैं तो उन्हें टक्कर देने के लिए कांग्रेस अब वहां जल्द से जल्द किसी क्षेत्रीय नेता को स्थापित करने की रणनीति बना रही है। कांग्रेस के पास अभी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का एक पद है, जिसे ग्वालियर-चंबल संभाग के नेता को सौंपकर उप चुनाव में उतर सकती है। मध्य प्रदेश विधानसभा के 24 उप चुनाव में विधायकी से त्यागपत्र देकर कांग्रेस छोड़ने वाले 15 पूर्व विधायकों के क्षेत्र ग्वालियर चंबल संभाग के हैं। वहीं, जौरा के विधायक बनवारीलाल शर्मा तथा आगर मालवा के मनोहर ऊंटवाल के निधन से रिक्त हुई दो सीटों में जौरा सीट भी ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की है। इस तरह ग्वालियर-चंबल संभाग में 16 सीटों पर उप चुनाव होना है जो कोरोना संकट के बाद इस साल के अंत तक होने की संभावना है l
*डॉ. गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की संभावनाएं*
भिंड जिले की लहर विधानसभा क्षेत्र से लगातार सात बार चुनाव जीतने वाले डॉ. गोविंद सिंह का नाम समर्थकों ने आगे बढ़ाया है l वही शिवपुरी जिले की पिछोर विधानसभा क्षेत्र से छठवीं बार विधायक बने केपी सिंह कक्काजू भी ग्वालियर चंबल संभाग से आते हैं l पिछोर सिंधिया के संसदीय क्षेत्र गुना शिवपुरी का हिस्सा है l जहां से ज्योतिरादित्य सिंधिया बुरी तरह लोकसभा का चुनाव हारे हैं l केपी सिंह कक्काजू की एकमात्र ऐसी विधानसभा क्षेत्र है जहां से ज्योतिरादित्य सिंधिया को बढ़त मिली थी l
*ज्योतिरादित्य सिंधिया के डॉ. गोविंद सिंह एवं केपी सिंह विरोधी माने जाते रहे*
ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस में थे तब डॉ. गोविंद सिंह एवं केपी सिंह कक्काजू को भी अपना विरोधी मानते रहे क्योंकि कहीं ना कहीं दोनों नेताओं की दिग्विजय सिंह की नजदीकी रही l डॉ. गोविंद सिंह के खिलाफ तो कांग्रेस सरकार बनने के बाद सिंधिया समर्थक विधायकों ने बिगुल ही बजा दिया था l पिछोर विधायक एवं पूर्व मंत्री केपी सिंह कक्काजू ग्वालियर चंबल संभाग की राजनीति में अपना अहम योगदान रखते हैं l उपचुनाव में चुनावी महासंग्राम में मोर्चा संभालेंगे l
*ग्वालियर-चंबल पर भाजपा- कांग्रेस दोनों की नजर*
उप चुनावों में दो तिहाई ग्वालियर-चंबल की हैं जिन पर भाजपा और कांग्रेस दोनों का ज्यादा ध्यान है। कांग्रेस का विशेष तौर पर वहां ध्यान है क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने से क्षेत्र में पार्टी के लिए चेहरे की समस्या खड़ी हो गई है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि ग्वालियर-चंबल संभाग में सिंधिया की टक्कर में नेता को खड़ा करने के लिए पार्टी के पास अभी नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी है जिस पर किसी क्षेत्रीय नेता को बैठाकर स्थापित किया जा सकता है।


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