दो गेट खोलने के बाद तीसरा गेट खोलने के तैयारी
कोल साइडिंग का अमलाई का है मामला
कोल साइडिंग का प्रदूषण तांडव
प्रदीप मिश्रा -8770089979
अमलाई स्थित इंद्रानगर जो बकहो पंचायत अंतर्गत आता है जहाँ लोग व्यवस्थाओं को तरसते नजर आते है हमेशा उनके दुखड़े सुनने को मिलेंगे । फिर चाहे इंद्रानगर का एक छोटा बच्चा ही क्यों न हो सब की जुबान पर बस एक दुविधा सुनने को मिलेगी और वह है कोल साइडिंग अमलाई।जो कुछ दलालों और रुपयों के दम पर इंद्रानगर के वासियों को नारकीय जीवन जीने को मजबूर कर रहा है। और कई बार कितनो को धमकियां भी मिल चुकी है। किंतु यहां की कोल साइडिंग न जाने किस किस विभाग को रुपयों के दम पर खरीद रखा है कि आज तक सब कुछ जानते हुए भी कोई कार्यवाही ही नही हुई ।
क्या दुगने प्रदूषण की मार झेल पाएंगे….
बता दे कि विगत 14 सालों से अमलाई में एक कोल साइडिंग संचालित रही जो अब अपना नाम बदलकर आर्यन स्पात के नाम से अपना पैर पसार रही और इंद्रानगर के बाशिंदों का जीना दूभर कर रखी है इस कोल साइडिंग को बंद करवाने के लिए यहां के ग्रामीणों ने लगभग तीन माह तक भूख हड़ताल कर प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई किन्तु इतने दिनों तक हड़ताल पर बैठने के बाद भी किसी प्रशासनिक अधिकारी ने अपनी ड्यूटी नही निभाई और ग्रामीणों को छः माह में कार्यवाही का झुनझुना थमा कर उन्हें किसी तरह हड़ताल से उठा दिया। किन्तु कितने छः माह बीत गए कार्यवाही नाम का एक डंडा भी नही चला। किन्तु प्रदूषण का ग्राफ लगातार बढ़ता रहा।
अब दूसरी साइडिंग को आबाद करने की तैयारी
विगत एक माह में यहां दूसरी साइडिंग को भी संचालित कर दिया गया है जिसे पूर्व में जिंदल नामक कंपनी ने स्थापित किया था किंतु कुछ व्यवधानों के कारण उसे चालू नही किया गया।किन्तु अब किसी अग्रवाल नामक व्यवसायी ने उसे अपने देखरेख में संचालित कर रखा है। और साइडिंग को संचालित करने में उसने भी न जाने कहा कहा नोटों की बौछारें की है।कि सारे विभाग मौन है। किंतु इन साइडिंग से रोजाना प्रदूषण का दोगुना दंश झेल रहे है यहां के ग्रामीण।
विकास में रोड़ा बना फारेस्ट विभाग
बता दे कि यहां की यहां की आबादी सड़को और अन्य सुविधाओं के लिए 14 सालों से तरस रही है। शासकीय निर्माण कार्यों में बाधा बनना इनका काम है किंतु वन विभाग के जमीन पर पर्सनल कार्यों में यह बाधा नही बनते। स्कूल की बाउंड्रीवाल निर्माण , सड़क निर्माण सहित कई ऐसे निर्माणों को रोका गया किन्तु वन विभाग की जमीन पर कब्जा और हाल ही में खुली कोल साइडिंग जो यहाँ दूसरी तरफ भी तीसरे गेट खोलने की तैयारी में है तो क्या उस पर वन विभाग कार्यवाही करेगा। चुनाव के समय यहां के ग्रामीणों सभी सुविधाओं को मुहैया कराने की बात कहकर जीत तो जाते है किंतु जितने के बाद दोबारा इस क्षेत्र में नजर नही आते है।फिर चाहे सरपंच , विधायक , या क्षेत्र की सांसद ही क्यों न हो। ग्रामीणों का कहना है कि हमे कोल डस्ट के प्रदूषण से निजात दिलाने कोई नही आता अब तो दूसरी कोल साइडिंग भी खोल दी गई।
ग्रामीणों ने रोक दी थी यहां की गाड़ियां
हाल ही में 15 दिनों पूर्व इंद्रानगर के ग्रामीणों ने दूसरी साइडिंग को चालू होता देख यहां आ रही कोयले से भरी गाड़ियों को रोक दिया था और काम बंद करने भी कहा किन्तु बुढ़ार के ट्रांसपोर्टर की समझाइश पर एक हफ्ते में समस्या के निदान की बात कही थी जिस कारण ग्रामीण शांत हो गए किन्तु 15 दिन बीत गए तो अब साइडिंग ने तीसरा रास्ता बनाने की फिराक में लगी हुई यहां आस पास के दलालों की मदद से साइडिंग प्रबंधक ने तीसरा रास्ता बनाने में लगी हुई है जिसके लिए इन्होंने यहां रह रहे व्यक्ति को बहला फुसला कर उसकी जमीन ले ली है और वहां से भी रास्ता बनाने में लगा हुआ है जो वन विभाग के अंतर्गत आता है। और यहां बस स्टैंड भी है जिसे भी अपने कब्जे में लेने में कोई कसर नही छोड़ेगा कोल साइडिंग। गाड़ियां रोककर ग्रामीणों सभी विभागों के एनओसी और संचालन के कागजो की मांग की थी जिसे देने में यह प्रबंधन असमर्थ रहा फिर भी कैसे इस साइडिंग को संचालित कर रखा है।
झूठे अनापत्ति कागजो के सहारे इतने सालों से संचालित है
बता दे कि इस कोल साइडिंग को संचालित करने के लिए कई विभागों के एनओसी की जरूरत होगी किन्तु आरटीआई से प्राप्त जानकारी अनुसार के एनओसी गलत तरीके से प्राप्त किया गया और झूठा साबित हो रहा है। यहां की कॉल साइडिंग ने एक ग्राम पंचायत के फर्जी एनओसी से दो पंचायतों में अपना पैर पसार रखा है। और घनी आबादी वाले झेत्र में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसे एनओसी कैसे जारी कर दिया गलत खसरे और नक्शे की सहायता से अधिकारियों की साठ गांठ से प्राप्त एनओसी के सहारे ग्रामीणों को डरा धमकाकर यहां स्थित दोनों साइडिंग को संचालित कर रखा है। अमलाई स्थित साइडिंग को संचालित करने में कई विभाग ऐसे है जो नप सकते है।