रीवा,शहडोल में तीन तीन,कटनी में एक Corona मरीज सतना सीधी अभी संक्रमित नहीं

बड़ी खबर 


अशोक मिश्रा की कलम से


*रीवा,शहडोल में 3 -3 कटनी में है 1 कोरोना पॉजिटिव मरीज ,सतना – सीधी अभी संक्रमित नही* 
*❄️रीवा:-* लॉक डाउन का दूसरा चरण खत्म होने के बाद जिलों को छूट दिए जाने के लिए सरकार द्वारा तय की श्रेणियां सवालों से घिर गई हैं, सूची में बड़ी चूक हुई है, ये गड़बड़ी सोची समझी योजना का हिस्सा है, या देश और प्रदेश की व्यवस्था नियंत्रित करने बैठी जिम्मेदारों की जम्बो पलटन क्या वाकई इतनी अंजान, अज्ञान या मासूम है, कि वह अपने ही बनाये नियमों का ख्याल नही रख पा रही है ? कोरोना संक्रमण की पुष्टि के बाद भी रीवा, शहडोल और कटनी को ग्रीन जिलों की सूची में शामिल कर दिया गया है, जबकि मैहर को सतना से पृथक जिला बताने का सिलसिला भी जारी है।


दरअसल सरकार ने 3 मई के बाद लॉक डाउन से मिलने वाली छूट की पात्रता के लिए देश भर के राज्यों के जिलों की श्रेणियां तय की हैं। इनमे रेड जोन के हॉटस्पॉट जिले शामिल हैं, तो कम संक्रमण की चपेट में फंसे जिले ऑरेंज जोन के तौर पर चिन्हित हैं जबकि जिन जिलों में कोरोना वायरस की आमद नही हुई उन्हें ग्रीन जोन में रखा गया है। सरकार की इसी सूची ने लोगों को हैरान कर दिया है। देश भर को पता है कि रीवा जिले के डॉ राजेश सिंघल के दिल्ली में जांच के दौरान कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद रीवा में कोरोना मरीजों की संख्या 3 हो गई है। डॉ सिंघल की बेटी और बहन भी covid 19 से संक्रमित पाई गई हैं। उधर कटनी में भी एक महिला उपचार के दौरान कोरोना पॉजिटिव निकली लिहाजा कटनी भी संक्रमित जिलों की सूची में शामिल हो गया। इसी तरह शहडोल में भी सरकार की घर वापसी योजना के तहत आये तीन मजदूर कोरोना संक्रमित मिले है। लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि 3 कोरोना मरीजों वाला रीवा, शहडोल और एक पॉजिटिव केस वाला कटनी शुक्रवार को जारी हुई सरकार की सूची में ग्रीन जोन में शामिल है। यानी सरकार इन  जिलों को कोरोना संक्रमित मान ही नही रही है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह कोई चूक है या इन जिलों को लॉक डाउन 2.0 के बाद रियायतें दिए जाने का पॉलिटिकल प्रेशर से प्रेरित कोई बैक डोर प्लान
*चूक या साजिश?  बढ़ जाएगा खतरा*
कोरोना मरीज वाले जिले रीवा और कटनी को ग्रीन जोन में शामिल कर सरकार वो राहतें इन्हें भी दे देगी जो उन जिलों को दिए जाने हैं, जहां अभी तक एक भी केस नही आया है। ऐसा होगा तो व्यापार खुलेगा ,सीमाएं खुलेंगी ,आवागमन भी शुरू होगा, बंदिशें नही रहेंगी तो कोई भी आएगा ,जाएगा और इन स्थितियों के बीच संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहेगा। गौरतलब है कि रीवा और कटनी से लगा सतना जिला अभी महफूज है लेकिन ये कब तक सुरक्षित रहेगा ? यह भी सवाल लोगों को चिंतित कर रहा है।
*पहले मैहर ग्रीन जिला ,सतना था ऑरेंज*
सरकारी सूची में गलतियां लगातार सामने आती जा रही हैं। इसके पूर्व जो सूची जारी हुई थी उसमें सतना का तहसील और जनपद मुख्यालय क्षेत्र मैहर अलग जिला बताया गया था और उसे ग्रीन जोन में दर्शाया गया था । सूची में सतना का भी नाम तो था लेकिन तब सतना ऑरेंज जोन का हिस्सा बना हुआ था । यहां से दो इंदौरी पत्थरबाज बंदियों के सेम्पल आईसीएमआर जबलपुर भेजे गए थे इसलिए सतना को ऑरेंज जोन में रख दिया गया था। उन बंदियों का सतना से कोई वास्ता नही था फिर भी सतना को संक्रमित मान लिया गया था। लेकिन रीवा पर मेहरबानी दिखा दी गई है। तीन पॉजिटिव केस होने के बाद भी रीवा ऑरेंज तक नही हो सका है।
*कहीं राजनैतिक दबाव तो नही ?*
रीवा को तीन मरीजों की उपलब्धता के बाद भी ऑरेंज जोन में शामिल न कर पड़ोस के ग्रीन जोन के जिलों सतना और सीधी को खतरे में धकेलने के पीछे कहीं कोई राजनैतिक दबाव तो काम नही कर रहा है, कहीं रीवा के लोगों को खुश करने के लिए सतना और सीधी की बलि देने की तैयारी तो नही हो रही है, कहीं इस मामले में भी तो रीवा के जनप्रतिनिधि सतना के नेताओ के कान काट ले जाने में कामयाब हो गए हैं।
लॉक डाउन का दूसरा चरण भी अब चंद घण्टों बाद खत्म होने को है, और उसी के साथ राहत और रियायतों का वह पिटारा भी खुलने को है, जिसकी ओर तमाम लोग खास तौर पर व्यापारी वर्ग टकटकी लगाये बैठा है। सरकार ने इसके लिए जिलों को उनके संक्रमण की स्थिति के हिसाब से श्रेणियों में विभाजित किया है। सरकार का यह विभाजन विंध्य की जनता को न केवल हैरान कर रहा है, बल्कि आने वाले समय के खतरे को लेकर चिंतित और परेशान भी कर रहा है।


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