पत्थर के बाट से खाद्यान्न की तौल,०३से ०५ किलो का बट्टा

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अशोक मिश्रा की कलम से


पत्थरों के वाट से खाद्यान्न की तौल, 3-5 किलो का बटटा
ग्राम पंचायत लोहरौरा की राशन दुकान का खेल उजागर
सतना। मध्य प्रदेश शासन के मंसूबों पर पानी फेरते हुए गरीब और मजदूरी करने वाले गांव वालों के हक वाला खाद्यान्न ठिकाने लगाया जा रहा है। जहां एक तरफ मध्यप्रदेश शासन ने राशन दुकानों सहित किराना दुकान पर तौल करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीटर अनिवार्य कर दिया है तो वहीं सतना जिले की ग्राम पंचायत लोहरौरा में संचालित राशन दुकान में राशन का वितरण करने के लिए आज भी बाबा आदम जमाने के पत्थरों वाले वाट के सहारे काम चलाया जा रहा है। ग्राम पंचायत लोहरौरा में संचालित राशन दुकान पर एक जमाने से दस किलो बाट के अलावा पत्थरों के जरिए ही अनाज तौलने की व्यवस्था चल रही है। यही वजह है कि राशन कार्ड वालों को यहां से जो खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है उसका वास्तविक वजन 5-3 किलो कम रहता है। खाद्यान्न वितरण में लीपापोती की शिकायत होने के उपरांत शुक्रवार को मीडिया की एक टीम मौका मुआयना करने लोहरौरा राशन दुकान और पंचायत कार्यालय पहुंची थी। मीडिया को देखते ही आनन फानन में इलेक्ट्रॉनिक मीटर की व्यवस्था राशन दुकान पर कराई गई लेकिन अफसोस तब तक पत्थर वाले बाट कैमरों की नजर में आ गए। मीडिया टीम को यहां पर डेढ़ दर्जन से अधिक ऐसे परेशान गांव वाले मिले जिन्हें बीस किलो चावल तौल कर राशन दुकान से दिया गया था लेकिन जब वे घर पहुंचे तो उस खाद्यान्न का वजन तीन से पांच किलो तक कम रहा। पिछले कुछ दिनों से इसी तरह राशन दुकान पर खाद्यान्न वितरण के नाम पर कोटेदार मनमानी कर रहा था।


इससे बेहतर रहा सेवा सहकारी समिति, किया प्राईवेट
ग्राम पंचायत लोहरौरा में सुनियोजित तरीके से खाद्यान्न वितरण की दुकान को गांव के बीच से हटवाया गया, जिससे आसानी के साथ कालाबाजारी को अंजाम दिया जा सके। सूत्रों ने बताया कि पहले गांव के बीच में यानी जहां पर पंचायत कार्यालय है वहीं पर सेवा सहकारी समिति के लिए भवन बना हुआ था, बकायदा यहां से गरीबों को खाद्यान्न वितरित करने का काम किया जाता था। जानबूझकर ऐसे हालात निर्मित कर दिए गए जिससे गांव के अंदर संचालित सेवा सहकारी समिति के वजूद को समाप्त करते हुए उसे निजी कोटा में बदल दिया गया।  अब इस राशन दुकान को बाईपास की तरफ एकांत में पहुंचा दिया गया है। ग्राम पंचायत कार्यालय पहुंच कर गांव वालों ने सरपंच और सचिव से कहा कि पहले की तरह सेवा सहकारी समिति का संचालन शुरू कराया जाए। 


हमारे कंट्रोल में नहीं है कोटेदार, सचिव से किया विवाद
राशन दुकान की बदहाली का नजारा देखने के बाद मीडिया की टीम ग्राम पंचायत लोहरौरा के पंचायत कार्यालय के लिए रवाना हुई। यहां पर पहले से सरपंच कृष्ण बिहारी पांडे और सचिव दीपक ज्योति सेन मौजूद रहे। मीडिया वालों को देखकर दोनों ही जिम्मेदार तैनात हो गये। राशन दुकान की व्यवस्था को लेकर जैसे ही मीडिया ने सवाल दागना शुरू किया तो सरपंच और सचिव का पूरा दर्द बाहर निकल आया। सरपंच कृष्ण बिहारी पांडे ने कहा कि कोटेदार हमारे कंट्रोल में नहीं है। वह कहता है कि हमारी ऊपर सेटिंग है, शिकवा शिकायत से कुछ नहीं बिगड़ेगा। सरपंच ने बताया कि बिना राशन कार्ड वालों को राशन देने का काम चल रहा था। इस दौरान सचिव दीपक ज्योति सेन मौके पर पहुंचे और राशन के बारे में जानकारी लेने लगे तो कोटेदार के गुर्गे विवाद करने को तैयार हो गए गांव वालों के सामने सचिव के साथ नाजायज तरीके से बातचीत की गई। इतना ही नहीं बेलगाम कोटेदार के मौके पर मौजूद लोगों ने सचिव पर आरोप भी लगाए। यह सभी जानते हैं कि हर पंचायत में सचिव मध्य प्रदेश शासन के प्रतिनिधि के रूप में काम करता है। सरपंच और सचिव ने कहा कि हमने सीईओ जनपद पंचायत को पूरे मामले से अवगत करा दिया गया है। बताया जाता है कि राशन दुकान पर बहुत से लोगों को तीन महीने का राशन नहीं दिया गया। बताया जाता है कि इस राशन की दुकान का ठेका केदार अग्रवाल धवारी को मिला है और उसने किसी और को ठेके पर यह काम सौंप दिया है।


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