"सूत न कपास जुलाहों में लट्ठम लट्ठ" पुजारी के मारपीट  मामले को धर्म के ठेकेदारों ने बना दिया था तिल का ताड़।

"सूत न कपास जुलाहों में लट्ठम लट्ठ" पुजारी के मारपीट  मामले को धर्म के ठेकेदारों ने बना दिया था तिल का ताड़।


रीवा । जिले के पद्मधर कालोनी काली मंदिर के पुजारी ने  कहा कि माता मन्दिर में कभी नहीं आए रीवा पुलिस अधीक्षक आबिद खान के खिलाफ ऐसा झूठ कि जिसने मध्य प्रदेश ही नहीं पूरे देश में हाहाकार मचा दिया गौरतलब है कि रीवा मध्य प्रदेश में 2 अप्रैल को  रामनवमी की शांम पद्मधर कॉलोनी में का एक पुजारी के साथ पुलिस के द्वारा मारपीट किए जाने का मामला 
देश की राजधानी तक गूंजा महज इसलिए कि उसमें पुलिस अधीक्षक आबिद खान का नाम सामने आया था 
सोशल मीडिया पर उस घटना के बाद समुदाय के लोगों  और धर्मगुरु टूट पड़े थे और अशोभनीय बयानबाजी कर राजनीतिक और धार्मिक मुद्दा बना डाला 
 
 जब पुजारी ने ही किया इनकार --
माता मंदिर के पुजारी ने ही इस बात को खारिज कर दिया कि रीवा एस पी आबिद खान मंदिर में आए ही नहीं  लेकिन सोशल मीडिया में लोगों ने ऐसा ताण्डव किया कि  रातों रात झूठी खबर आग की तरह फैल गई अब पुजारी के बयान के बाद धीरे-धीरे धर्मगुरु अपना अपना पल्ला झाड़ते नजर आने लगे हैं वही रीवा पुलिस अधीक्षक आबिद खान को निशाना बनाकर षड्यंत्र करने वाले मुह छिपाते नजर आ रहे हैं एक बार फिर सोशल मीडिया का झूठ सामने आया है जब मुद्दा किसी धर्म और जाति का होता है बिना पेंदी के लोटा और बिना तबे के  रोटी सेकने जैसे हालात बन जाते हैं और सोशल मीडिया में बिना सच जाने चला देते हैं खबर 


 हाल वही है कि सूत न कपास जुलाहों में तट्ठम लट्ठ 
सुनिए दोनों धर्म गुरुओं की बातें कैसे तिल का ताड़ बनी घटना।