मूल्यांकन को लेकर शिक्षकों ने डी इ ओ के खिलाफ की नारेबाजी

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अशोक मिश्रा की कलम से


ग्राउंड रिपोर्ट


*मूल्याकंन को लेकर शिक्षकों ने डीईओ के खिलाफ की नारेबाजी*


*शासकीय परिसर में शासकीय कर्मचारी द्वारा शासकीय आदेश की उड़ाई गई धज्जियां*


छतरपुर। जिले में मूल्याकंन कार्य को लेकर शिक्षकों का विरोध मूल्याकंन शुरु होने से पहले हो गया था। परंतु कलेक्टर के निर्देश और जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा शिक्षकों को मूल्याकंन के लिए दिए गए आदेश से कुछ शिक्षक खपा थे जिन्होंने मीडिया में मूल्याकंन का विरोध किया था। शिक्षकों का कहना था कि पूरे प्रदेश में मूल्याकंन का कार्य घर पर कराया जा रहा है परंतु छतरपुर मात्र एक ऐसा जिला है जिसमें मूल्याकंन का कार्य उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक 1 और उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक 2 में कराया जा रहा है। 100-100 किमी दूर से आ रहे मूल्याकंन के लिए शिक्षकों को बकायदा नोटिस जारी किए गए। उनके ठहरने एवं खाने की व्यवस्था न होने के कारण शिक्षकों में लगातार रोष व्याप्त हो रहा था। जो आज फूटकर बाहर आ गया। आज सुबह 11:30 बजे शिक्षकों ने मूल्याकंन करने के विरोध में सभी कक्षों से बाहर आकर जिला शिक्षा अधिकारी संतोष शर्मा के खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी। इसी बीच राज्यपत्र कर्मचारी संघ के अध्यक्ष बेनीप्रसाद चंसोरिया ने भी शिक्षकों का साथ देते हुए मूल्याकंन कार्य का खुला विरोध किया और जिला शिक्षा अधिकारी पर मूल्याकंन के दौरान मिलने वाली राशि में भ्रष्टाचार करने का खुला आरेाप लगाया। अपर कलेक्टर प्रेम सिंह चौहान ने आनन फानन में पुलिस बल बुलवाया, मौके पर सीएसपी उमेश शुक्ला, टीआई सिविल लाइन विनायक शुक्ला, एसडीएम प्रियांशी भंवर, तहसीलदार संजय शर्मा के अलावा जिले भर के विभिन्न समाचार पत्रों और चैनल के पत्रकार मौजूद थे। काफी समय तक हंगामा होता रहा अंत में ढाई बजे मूल्याकंन का कार्य स्थगित कर दिया गया और सभी शिक्षकों को आगामी आदेश आने तक के लिए स्कूल के परिसर से जाने को कहा गया। इस पूरी घटना के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को जिम्मेदार बताया जा रहा है। कलेक्टर को गुमराह कर जिला शिक्षा अधिकारी ने ऐसा आदेश कराया था। जिसके चलते एक शिक्षक शशिमोहन सिन्हा को डाक्टरों ने परीक्षण कर निमोनिया वार्ड में भर्ती कर सेंपल लेकर जबलपुर भेजा है। महिला शिक्षकों में कोरोना वायरस बीमारी को लेकर लगातार चर्चा की जा रही थी। कि आखिरकार मूल्याकंन कार्य कराना इतना जरूरी क्यों है। अभी रिजल्ट तो आना है नहीं परंतु जबरियन लोगोंको मूल्याकंन कार्य के लिए बुलाया गया है। 45 से 50 किमी दूर की महिलाएं प्रतिदिन मूल्याकंन कार्य के लिए आ रही हैं जिससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है जगह जगह पुलिस के द्वारा उन्हें चैकिंग के नाम पर कई घंटों तक रोका जाता है कई शिक्षकों को पुलिस के द्वारा डराया धमकाया भी गया। आज कई शिक्षकों ने मीडिया से चर्चा करते हुए कि कटहरा, लवकुशनगर एवं बकस्वाहा, भगवां से शिक्षक आ रहे हैं उन्हें आने में बहुत परेशानी हो रही है। इसके बाद भी शिक्षक मूल्याकंन करने के लिए मजबूर हैं। फिलहाल मूल्याकंन का कार्य स्थगित कर दिया गया है और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रशासन द्वारा शिक्षकों के खिलाफ 188 की कार्यवाही की जाने की बातसामने आ रही है। खुलेआम 144 धारा का उल्लंघन, शासकीय परिसर में शासकीय कर्मचारियों के द्वारा किया गया जो एक मजाक बनकर रह गया है।