बड़ी खबर
अशोक मिश्रा की कलम से
*एक ङाक्टर घर सहित शहर को बाँट रहाँ था कारोना*
*कैसा ङाक्टर था जो खुद संक्रमित होने के बाद भी नहीं हुआ भर्ती*
रीवा-- मार्च से लागू देश सहित, रीवा मे लांक ङाऊन के दौरान पुलिस ने तमाम सङको को अबरुद्ध कर तमाम लोगों पर जमकर ङंङे बरसाये,, लांक ङाऊन के उल्लंघन के भरपूर मामले दर्ज किया,, व बाहनो के चलान किये गये, जुर्माना वसूला गया परन्तु एक ङाक्टर देश की राजधानी से रीवा आ गया व तमाम लोगों संक्रमित कर बङे आराम से जिला प्रशासन से पास प्राप्त कर पुनः दिल्ली निकल गया किसी को कानों कान खबर तक नहीं हुई,, जब दिल्ली में ङाक्टर राजेश सिंहल की जांच की गई तो पाजिटिव कोविङ 19 पाया गया,अब विचारणीय पहलू है कि ङाक्टर राजेश सिंहल जब दिल्ली से रीवा लाक ङाऊन अवधि में रीवा आया तो क्या प्रशासन व स्थानीय पुलिस को जानकारी हुई है, अगर नहीं तो क्यों क्या राह चलते जरूरत मंद मजबूरो पीटने तक व जुर्माना वसूली तक पुलिस निहित थी,, कैसा ङाक्टर है खुद व जो इसका इस अवधि में उपचार कर रहे थे ,, उन्हें संक्रमित होने का अहसास नहीं हुआ या अहसास होने पर करोना जैसी आपदा को छिपाने का अपराध करते हुए रीवा के ग्रीन जोन व आराम से लांक ङाऊन का पालन करने वाले लोगों के लिए तनाव व भय सहित चिंता का वातावरण निर्मित कर दिया है,,,, साथ ही जो ङाक्टर राजेश सिंहल का दिल्ली जाने के पूर्व तक उपचार किया था उन सबने इस गंभीर बीमारी को नहीं भांप पाये तो आम मरीजों का उपचार किस विश्वास के साथ करते हैं।रीवा से दिल्ली जाने के लिए जिन अधिकारी ने परमिट ज़ारी किया क्या उनके द्वारा पूरा मेङिकल परीक्षण किया गया था ,,, ङाक्टर होने का भरपूर लाभ उठाया व प्रशासन को अंधेरे में रखते हुए दिल्ली निकल गया परन्तु पाजिटिव रिपोर्ट आने के बाद अब नर्सिंग होम एरिया तो कंन्टेनमेट तो कर ही दी गई है परन्तु यह खबर फैलते ही रीवा के सूकून भरें वातावरण में चिंता की व चर्चा की लपटें उठने लगी है।