रीवा17 अप्रैल/ विश्व महामारी कोरोना के चपेट से देश व प्रदेश संकट के दौड़ से गुजर रहा है लोग लॉक डाउन का पालन कर अपना व देश की सुरक्षा करने में डटे हुए हैं वही मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार जनता के पेट की आग बुझाने के बजाय बिजली बिल जारी कर जमा करने की तिथि निर्धारित करके आर्थिक दंड दे रहे हैं जो जनता के हित के खिलाफ है, उक्त विचार जिला शहर कांग्रेस अध्यक्ष गुरमीत सिंह मंगू ने जारी विज्ञप्ति के माध्यम से व्यक्त करते हुए तत्काल जारी किए गए बिजली बिल पूर्णता माफ किये जाने की मांग करते आगे कहा कि भाजपा सरकार जनता के दर्द को समझने के बजाय प्रताड़ित करने का काम न करे । ऐसे आपदा में जब लोग एक दूसरे के सहयोग के लिए आगे बढ़ रहे हैं तो सीएम शिवराज जी को जनता के हित मे मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए सभी के स्वास्थ्य व भरण पोषण की व्यवस्था के लिए आगे आकर अधिकारियों को निर्देशित करना चाहिए , किंतु अभी तक सिर्फ भाषण बाजी व स्थान्तरण करने का ही काम किया गया। उन्होंने कहा कि विपक्ष में रहने दौरान शिवराज जी किसानों की काफी चिंता करते थे किसान की मिट्टी भी 2100 रुपये क्विटल खरीदने का दम भरते थे , छल की राजनीति कर मुख्यमंत्री बनते ही भूल गए, और ऊपर से बिजली का बिल जारी करा के लोगो को जोरदार झटका दिया। कांग्रेस शहर अध्यक्ष ने आगे कहा कि इस आपदा से प्रदेश का हर वर्ग आर्थिक रूप से प्रभावित हुआ है ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रदेश की जनता को राहत देने के लिए तत्काल 2 माह का बिजली बिल, नगरीय क्षेत्रों में संपत्ति कर, जलकर पूर्ण रूप से माफ कर आर्थिक राहत की घोषणा करनी चाहिए साथ ही निजी विद्यालयों में छात्रों से मई, जून की वशूल किये जाने वाली फीस भी माफ करने की शीघ्र घोषणा कर जनता के हित मे सख्ती से पालन कराना चाहिए। उन्होंने सीएम से मांग किया तत्काल उक्त आदेश जारी करे अन्यथा जारी हो रहे बिजली बिल के कारण लोग घरों से मजबूरी में निकल कर बिजली आफिस जाएंगे तब स्थिति सामान्य होने के बजाय प्रदेश भर की बिगड़ेगी।
बिजली बिल,जलकर, संपत्ति कर व छात्रों की फीस माफ करें सरकार - गुरमीत सिंह मंगू
• Mr. Vimlesh tripathi