बीआरसीसी को मिला प्रशासनिक अभयदान

बड़ी खबर
अशोक मिश्रा की कलम से


*बीआरसीसी सिरमौर को मिला प्रशासनिक अभयदान, मुख्यालय में पदस्थ करने की चल रही है तैयारी*
रीवा। हमेशा ही सुर्खियों में रहे बीआरसीसी प्रवेश तिवारी नित नए गुल खिलाने में कभी पीछे नहीं हटते है। कल तक जो कांग्रेस कार्यकाल में कांग्रेस की सिफारिशों पर अनियमितता करने के बावजूद भी बीआरसीसी का पद हथिया लिए थे।  तत्कालीन प्रभारी मंत्री की नोट शीट पर वेतन वृद्धि बहाल करवा लिया। प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता जाते ही पलटी मार दी... और अब भाजपाइयों की ओर अपना रूख कर लिया है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि रीवा में पदस्थ बीआरसी के पद पर किए गए घोटालों पर जहां उनकी एक वेतन वृद्धि रोकी गई थी वही वेतन से राशि वसूली के आदेश भी किए गए थे । रिडिप्लायमेन्ट समाप्त कर रायपुर कर्चुलियान ब्लाक के सगरा विद्यालय में पदस्थ किया गया था। किंतु जिसके मुंह में एक बार मलाई लग जाए वह मट्ठा पीना पसंद नहीं करता। नये बीआरसी का विज्ञापन जारी हुआ जिस पर इन्हें अपात्र घोषित कर दिया।  बावजूद इसके जुगाड़ लगाकर यह फिर से बीआरसी सिरमौर बन गये। इन्हें प्रशासनिक अभयदान ही माना जाए कि उक्त बीआरसीसी जिसे रीवा में वित्तीय अनियमितता के चलते दंडित कर न सिर्फ हटाया गया था बल्कि जाँच में दोषी पाए जाने पर वेतन वृद्धि रोक कर हजम की गई राशि की वसूली के आदेश दिये थे। वही अब रीवा शहर के मुख्यालय में पुनः पदस्थापना की जाएगी तो इसका क्या परिणाम निकलेगा यह बताने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि सीईओ जिला पंचायत अर्पित वर्मा ने जिला परियोजना समन्वयक को एक माह पूर्व नोटिस जारी कर उक्त बीआरसीसी को सिरमौर प्रवेश तिवारी को हटाने के निर्देश दिए थे लेकिन उस पर भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई इसे भी अभयदान माना जा सकता है।