परियोजना प्रमुख की उपेक्षा से सीएसआर के अधिकारियों की बल्ले-बल्ले* ▶मामला एनसीएल की अमलोरी परियोजना का ▶ समाज हित के नाम पर हो रही मनमाफिक लूट

परियोजना प्रमुख की उपेक्षा से सीएसआर के अधिकारियों की बल्ले-बल्ले*


▶मामला एनसीएल की अमलोरी परियोजना का
▶ समाज हित के नाम पर हो रही मनमाफिक लूट


अवनीश तिवारी
विराट वसुंधरा ब्यूरो रिपोर्ट


*सिंगरौली*-:कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी( सीएसआर) के माध्यम से औद्योगिक घराने अपने आसपास के ग्रामीण एवं जरूरतमंद क्षेत्रों में हर वो जरूरत की चीज उपलब्ध कराते हैं या उपलब्ध कराने में मदद करते हैं जिससे ग्रामीण और गरीब तबका वंचित रहता है, साथ ही इसके तहत सामूहिक रूप से आबादी वाले क्षेत्रों में सर्वजन हिताय व्यवस्थाओं को अंजाम देने का प्रावधान निहित है लेकिन यदि सिंगरौली जिले की बात करें तो यहां इन दिनों सीएसआर का उपयोग सर्वजन हित के बजाय स्वयं का हित साधने के लिए किया जा रहा है |
यहां यह स्पष्ट करना बेहद आवश्यक है कि जिले का औद्योगिक हब के रूप में विकास होने के साथ ही यहां कार्यरत औद्योगिक घराने सीएसआर के नाम पर एक मोटी रकम खर्च करने का दावा करते हैं कई कंपनियां इस राशि के माध्यम से जिले के विकास में अपना योगदान भी दे रही हैं लेकिन जिला मुख्यालय से सबसे नजदीक कार्यरत कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषंगी कंपनी नार्दन कोलफील्ड्स लिमिटेड के अमलोरी परियोजना का हाल अन्य औद्योगिक कंपनियों से बिल्कुल अलग है क्योंकि इस परियोजना में सीएसआर विभाग में पदस्थ जिम्मेदार अधिकारीयों ने सीएसआर को केवल सोशल मीडिया में प्रचार प्रसार का साधन बना कर जमीनी स्तर पर इसके लिए खर्च की जाने वाली राशि अपनी इमेज को चमकाने के लिए उपयोग कर रहे हैं, इससे संबंधित कई कारनामे पहले के अंकों में प्रमुखता से प्रकाशित किया जाता रहा है लेकिन बावजूद इसके परियोजना प्रबंधक श्री जेपी द्विवेदी का इस विषय पर गंभीरता से ध्यान ना देना कहीं ना कहीं उन्हें भी कटघरे में लाकर खड़ा कर देता है| वैसे तो परियोजना प्रमुख श्री द्विवेदी पूरे एनसीएल में अपने स्वच्छ एवं बेदाग छवि के साथ ईमानदार कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं लेकिन अपने परियोजना के सीएसआर विभाग की कारगुजारीयो से पूर्णत: रूबरू होने के बाद भी इसके सुधार के लिए वो अभी तक कोई ठोस कार्यवाही क्यों नहीं कर पा रहे हैं यह लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है|


*नजर कहीं और रहती है, निशाना कहीं और*
एनसीएल के अमलोरी परियोजना में कार्यरत कई श्रमिक संगठनों के नेताओं ने चर्चा में बताया कि जब से परियोजना के सीएसआर विभाग में *बिहारी साहब* ने आमद दी है तब से अपने एक विशेष कृपापात्र स्थानीय सहायक के साथ मिलकर पूरे सीएसआर विभाग का बंटाधार कर दिया है| पहले आसपास के क्षेत्रों में सीएसआर के नाम पर खर्च होने वाले बजट में सेंध लगाकर सोशल मीडिया के जरिए केवल वाहवाही पर वाहवाही लूटी जा रही है|


➡ अगले अंक में आप पढ़ेंगे स्थानीय खेल गतिविधियों से जुड़े व्यक्ति को अपने साथ रख कर क्यों बनाया जा रहा मोहरा....


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