शिक्षित बेरोजगार बन चुके हैं शिक्षित बेकार इनके लिए नहीं है सरकार

 


 


 


 


सूरज कुमार मिश्र


विराट वसुंधरा संवाददाता 


 समूचे भारत की यह स्थिति है कि लाखों शिक्षित लोग बेरोजगार दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हैं क्योंकि लाकडाउन के चलते ना तो उनके पास कोई रोजगार है ना ही उनके पास कोई आय का साधन है वह अपना जीवन अपन जैसे तैसे कर रहे थे लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है बल्कि सरकार की ऐसी अधिकांश ऐसी योजना जिसका लाभ भी उनको नहीं मिल पा रहा है चाहे वह उज्जवला योजना हो चाहे संबल योजना लेकिन आज की स्थिति में बेरोजगार शिक्षक परेशान हैं क्योंकि ना तो कोई बेरोजगार लोग अपनी आवाज उठाने के लिए सक्षम है क्योंकि इस समूचे प्रदेश में आवाज उठाने के लिए कोई ना कोई यूनियन होती है लेकिन मध्य प्रदेश में बेरोजगारों की आवाज उठाने के लिए ना तो कोई यूनियन है ना यह सब प्रदेश सरकार का कोई ध्यान है कई परिवार ऐसे हैं जिनका जीवन यापन पढ़े लिखे होने के बाद भी आज घर बैठे हैं सरकार से नैना कोई बेरोजगारी भत्ता ना कोई रोजगार की आशा चाहे स्वरोजगार योजना हो जिसका लाभ ही शायद कोई सी बेरोजगार ने उठा पाया हूं क्योंकि लोन के चक्कर में कई बेरोजगारों की चप्पले घिस चुकी हैं।


अब हाल यह बन चुका है कि शिक्षित बेरोजगार पूरी तरह से बन गए हैं शिक्षित बेकार नहीं है इनके लिए कोई सरकार और न ही इनसे कोई सरकार का सरोकार।


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