गेहूं खरीदी से किसान खुशी पर तौल के नाम से लुट रहे किसान

बड़ी खबर


अशोक मिश्रा की कलम से


गेहू उपार्जन केंद्र जवा (गढ़वा)में खरीदी शुरू होने से किसानों छायी खुसी की लहर।
      
लेकिन वजन और तौलाई के नाम पर लुट रहे किसान।


सरकार की घोषणाएं को समित प्रवन्धक दिखा रहे ठेंगा।


          जवा /  जवा खरीदी केंद्र के गढ़वा खरीदी स्थल में गेहू का खरीदी शुरू होने से किसानों में खुसी की लहर छा गयी क्योंकि प्रति दिन बेमौसम बरसात से किसान परेशान थे कि धान की तरह कही गेहूं भी बिकने से न रह जाये । लेकिन कल से शुरू हुए खरीदी स्थल गढ़वा में किसानों में प्रसन्नता दिखी। लेकिन किसानों में असंतोष भी है कि मैसेज कम ऑनलाइन का आने से हम किसानों को परिवहन में समस्याएं आ रही है । वही कुछ किसानों के मैसेज आने पर किसान अनिल सिंह ने अपने  गेहू का तुलाई करते हुए कहा कि अभी यहा पर किसी तरह की कोई समस्या नही है। लेकिन तौलाई हम किसानों को देना पड़ रहा है ।
जबकि समिति के कर्मचारियों का कहना है कि अभी किसान देगे बाद में किसान के खाते में तौलाई का पैसा आ जायेगा। लेकिन किसानों का आरोप है कि ऐसा हर बार कहा जाता है लेकिन कभी नही आता है ।
जबकि सरकार का कहना है कि किसान अपना गेहू खरीदी केंद्र तक पहुचाये बाकी व्यबस्था हमारी है लेकिन किसानों के बयान के मुताबिक सभी खरीदी केंद्रों में ऐसा लगता है कि किसानों के साथ खरीदी प्रवन्धक द्वारा धोखाधड़ी किया जा रहा है जैसा की हर वर्ष धान खरीदी से लेकर गेहू खरीदी तक खरीदी प्रवन्धक द्वारा किया जाता है और सम्बंधित अधिकारी  यह सब तमासा देखते रहते है और किसान पिसता जाता है ।
    वही गेहू उपार्जन केंद्रों  में कई किसान भी खरीदी स्थल में पहुच कर जानकारी लेने की कोशिस कर रहे की हमारा मैसेज कब और कैसे आयेगा। जहा पर कंप्यूटर ऑपरेटर ने कहा कि ये मैसेज भोपाल से आता है जब वहा से मैसेज आयेगा तभी आप लोग गेहू बेच सकते है वही किसानों का आरोप है हमारे पूरे परिवार का यदि 100 कुंटल का रजिस्टेंसन या ऑनलाइन है तो मैसेज 10 से 25 कुंटल का आता है जिसके कारण हम किसानों को परिवहन में समस्या आती है क्योकि 10 कुंटळ के लिये हमे ट्रैक्टर का भाड़ा देना पड़ेगा इसके बाद दुवारा मैसेज आने पर दूसरी बार भाड़ा देना पड़ेगा जिसमे किसानों की समस्या को देखते हुए प्रशासन को  कोई उचित कदम उठाना चाहिए । 
जिससे किसानों की समस्या हल हो सके।
वही जब खरीदी के सुपरवाइजर अनुपम त्रिपाठी जी बातें की गयी तो उनका कहना है कि खरीदी केंद्र में किसानों के लिए कोई समस्या नही है हम ने किसानों से प्रति बोरी 50 किलो 200  ग्राम के हिसाब से खरीदी कर रहे है। सभी आने जाने बाले किसानों  के लिए सेनेटाइजर, हाथ धोने के पानी और साबुन, की व्यबस्था की गयी। और मैसेज आने वाले  किसानों का गेहू खरीद रहे है।
गेहू तौलाई के सम्बन्ध में जब बाते की गयी उनका कहना है कि समिति द्वारा  खरीदा गया गेहू का पैसा किसानों के खाते में आयेगा। लेकिन किसान अनिल सिंह के मुताबिक तौलाई का पैसा 10 रूपये प्रति 50 किलो के हिसाब से हम किसानों को देना पड़ रहा है। और कभी खाते में पैसा नही आता है
जबकि खाद्य विभाग के अधिकारियो का कहना है कि तौलाई का पैसा समित द्वारा दिया जाना है  जहाँ देखने  में ऐसा नही लग रहा था,
कि समिति द्वारा तौलाई का पैसा मजदूरों को दिया जा रहा है।
वही खरीदी प्रवन्धक से जब इस संबंध में बात करने के लिए फोन लगाया जाता है तो उनके द्वारा फोन ही रिसीव नही किया जाता है ।
जबकि किसान नीरज सिंह और मुन्नीलाल सिंह का कहना है खरीदी स्थल गढ़वा में हर किसान से प्रति बोरी 50 किलो 400 ग्राम लिया जा रहा है   आखिरकार मजबूर किसानो को इन समित प्रवंधको के सामने झुकना ही पड़ता है कि किसी तरह से हमारे गेहू बिक जाये।
यह समस्या अकेले जवा की नही है जवा तहसील के सभी खरीदी केंद्र कोनी, अतरैला, बरहुला, रिमारी,डभौरा की है जहां पर किसान इन समिति प्रवंधको के  मनमानी से त्रस्त है।
        वही सरकार किसानों के प्रति डीगे मारती रहती है कि सभी खरीदी केंद्रों में किसानों के लिए सारी व्यबस्थाये कर दी गयी है किसान बस खरीदी केंद्र तक गेहू पंहुचा दे बाकी व्यबस्था सरकार यानि समिति की होगी।
            जो किसानों के साथ  सरकारे सिर्फ दिखावे करती नजर आ रही है
और शिकायत के बावजूद कभी कार्यवाही नही की जाती है।


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