इंदौर और भोपाल पुलिस से सतना पुलिस को सीख लेनी चाहिए

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अशोक मिश्रा की कलम से


*सतना पुलिस को भोपाल और इंदौर में हुई गलतियों से लेना चाहिए सीख*
*सतना-* पुलिस के द्वारा उठाये गए कदम सराहनीय है जो जनता के हित में भी है । किन्तु सतना पुलिस को भोपाल और इंदौर की गलतियों से सीख लेकर स्वयं की सुरक्षा को भी अत्यंत गंभीरता से लेने की आवश्यक्ता है । 
देखने में आ रहा है कि कई प्रदेशो से लोग लगातार जिलो की सीमा में प्रवेश कर रहे है और वो सबसे पहले पुलिस के ही संपर्क में आते है । साथ ही वरिष्ट अधिकारीयों के आदेश के परिपालन में मैदान में भी तैनात होते है, साथ ही फरार आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए भी प्रयासरत है जिनकी गिरफ्तारी के लिए उनके घर या अन्य स्थानों में जाकर सीधे संपर्क में आने की संभावनाएं अधिक होती है । लेकिन देखने मे आ रहा कि सतना पुलिस खुद कि जान जोखिम में डालकर अपनी सुरक्षा में एहतियात नही बरत रही है । छोटे पुलिस कर्मी की व्यक्तिगत न ही कोई विशेष सेनिटाइज की व्यवस्था है और न ही उनके सुरक्षा की । उनके द्वारा उपयोग की जाने वाली सरकारी गाड़िया भी समय पर सेनिटाइज नही हो रही है । जिससे इन पर संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है ।
इसी प्रकार लॉक डाउन के चलते पुलिस की कार्यवाही के दौरान मोटरसाइकल और चार पहिया वाहन रोक कर स्वयं उसे चलाकर थाने पहुँचाया जाता है और फिर गाड़ी छुड़वाने के लिए लोगो का हुज़ूम थाने में जमा हो जाता है ।
पुलिस कर्मी सीधे इन वाहन स्वामियों के संपर्क में आते हैं । चूँकि पुलिस की चुस्ती की वजह से आम आदमी तो सुरक्षित होता है किन्तु पुलिस को भी स्वयं की सुरक्षा में एहतियात बरतने की आवश्यक्ता है । ताकि खुद और अपने परिवार को इस वैश्विक महामारी के संक्रमण से बचा कर अपनी सेवाएं दे सके । ताकि भोपाल, इंदौर जैसे पुलिस के हालात यहां तैयार न हो ।
*जिले के मुखिया को इस बात पर विचार करना चाहिए ताकि वो स्वयं को और अपनी टीम को सुरक्षित रख पाये ।* की कलम से