२५ हजार लोगों के उदर पूर्ति के साधन बने पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया

बड़ी खबर 


अशोक मिश्रा की कलम से


*25 हजार उदर पूर्ति के सारथी बने पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया*    
 
*न त्वहं कामये राज्यं न स्वर्गं नापुनर्भवम् कामये दुःख तप्तानां प्राणि नामार्ति नाशनम्*


 *मैं राज्य की कामना नहीं करता, मुझे स्वर्ग और मोक्ष नहीं चाहिए दुःख में पीड़ित प्राणियों के दुःख दूर करने में सहायक हो सकू, यही मेरी कामना है*  


सतना।निश्चित तौर पर आज विश्व सहित पूरा देश प्रदेश संकट भरे दौर से से गुजर रहा है ।आम जन के बीच भविष्य को लेकर लगातार असमंजस्य  बढ़ता ही जा रहा एक तरफ जहां बड़े तपके का वर्ग सेवा सहायता या कारोबार को लेकर चिंतित है वहीं मिडिल वर्ग की समस्याएं भी अनेक मुँह बाए खड़ी है वहीँ समाज का एक ऐसा वर्ग जो अपर व मिडिल क्लास के सहारे अपना जीवन गुजारा करता है ये एक ऐसा वर्ग है जो फुटपाथ पर सोकर जीवन की बहुत सारी राते गुजारता है उसके पास तो भारी दिक्कते है ।क्योकि शहरी अंचल में खासकर जबलपुर रेड जोन एरिया में लाकडाउन के चलते लोग घरों में कैद है आम नागरिकों की नजरों से ऐसे बेसहारा परिवार काफी दूर है। ऐसे विकट संकटो के दौर में बेसहारो की लाठी और चश्मा बनकर  समाज में ऐसे प्रतिष्टित राजनैतिक समाजसेवी विराट व्यक्तित्व है जो अपनी भूख प्यास छोड़ निर्धनो के लिए चिंता की लकीरें उनके माथे से कम होने का नाम ही नहीं लेती सेवा की ऐसी तड़प ,बेचैनी उन्हें सोने नहीं देती ।यहाँ बताते चलें कि लाकडाउन के सुरूवाती दिनों से मध्यप्रदेश शासन के पूर्व मंत्री एवं सतना के पूर्व प्रभारी मंत्री लखन घनघोरिया की दरियादिली से वेसहार परिवार शुक्रगुजार है कि इन विपरीत परिस्थितियो में बेघर बेसहारा लोगो का सहारा बनकर श्री घनघोरिया सच्चे समाज हितैसी राजनैतिक व्यक्तित्व का संकट भरे दौर में परिचय दिया ।यहाँ बताना जरूरी होगा कि  श्री लखन घनघोरिया के मन मस्तिष्क में सदैव सेवा का वह स्वरूप विद्यमान रहता है जो अकल्पनीय है ।कितने भी व्यस्त क्यो न हो सेवा के लिए सदैव इनके कपाट 24 घंटो खुले रहते हैं।चाहे सर्द रातो की कड़कड़ाती ठंडी में फुटपाथियो को रात्रि में कंबल ओढ़ाना हो या बरसात के दिनों में पन्नी बाटना हो इसके अलावा गंभीर से गंभीर बीमारी के लिए कैम्प लगाकर पैसा बांटना मानो पूर्व मंत्री की फितरत में है । 25 हजार लोगों को प्रतिदिन भोजन वितरण के संदर्भ में जुटाई गई जानकारी के आधार पर पूर्व विधान सभा क्षेत्र 97 जबलपुर का एरिया आर्थिक तौर से पिछड़ा क्षेत्र है  इसी छेत्र में जिनका गरीबी या अति गरीबी का रासन कार्ड नहीं है बेसहारा है गरीब हैं ।उनके लिए भोजन हेतु ऐसे चार जगह चिन्हित की गई है जहाँ से भोजन का बितरण हो रहा है जिसमें (1) घमापुर आफिस से (2 )बाई का बगीचा (3) कांचघर (4) सुब्बसा मैदान से लाकडाउन का पालन करते हुए  2 या 3 लोगो द्वारा वार्ड के आधार पर दैनिक भोजन पैकेट वितरण किया जा रहा है।भोजन बदल बदलकर यथा पूड़ी शब्जी खिचड़ी पुलाव आदि बितरण किया जा रहा है यहाँ बताते चले कि पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया मध्यप्रदेश शासन के राहत कोष में 10 लाख रुपये विधायक फंड से दिया वही 5 लाख रुपये स्वयम से तथा पर मंथ मिलने वाली मंथली  राशि से 2 माह की राशि भी मध्यप्रदेश राहत कोष में दिया है।।


*चार दिन है जिंदगी हंसी खुसी में काट ले  ।मत किसी का दिल दुखा दर्द सबके बांट ले। कुछ नहीं है साथ जाना एक नेकी के सिवा*


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