घटना के चार घंटे बाद पहुंची जननी एक्सप्रेस

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अशोक मिश्रा की कलम से


*गोहपारू की स्वास्थ्य व्यवस्था लचर, वाहन के अभाव में आदिवासी महिला ने घर में ही दिया बच्ची को जन्म*


 
 *घटना के 4 घंटे बाद पहोची जननी एक्सप्रेस*


*शहडोल*।कोरोना वायरस के चलते पूरा स्वास्थ्य महकमा मुस्तैद दिखाई दे रहा है लेकिन गोहपारू के ग्राम पंचायत चुहिरी के स्वास्थ विभाग के जिम्मेदारो की लापरवाही के चलते दोपहर रामबाई पनिका पति अज्जू पनिका को प्रसव 3 बजे पीड़ा शुरू हुआ उसी समय से घर के कई लोगों द्वारा 108 एंबुलेंस की व्यवस्था के लिए फोन किया गया साथ ही इसकी जानकारी ए,एन,एम , एवं आशा कार्यकर्ता आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ,को दी गई इसके पश्चात भी वाहन उपलब्ध नहीं हुआ। गांव के ही प्राइवेट गाड़ी से ले जाने की व्यवस्था किया गया ।लाकडाउन के चलते जल्दबाजी में कोई गाड़ी जाने के लिए भी तैयार नहीं हो रही थी लेकिन गाड़ी को किसी तरह गोहपारू हॉस्पिटल ले जाने के लिए तैयार किया गया ।धीरे-धीरे महिला का दर्द बढ़ता गया जैसे ले जाने की व्यवस्था की गई उसी समय महिला ने अंततः दो-तीन घंटे दर्द के बाद घर पर ही बच्ची को जन्म दे दिया ।ए,एन,एम को इसकी सूचना थी इसके पश्चात भी उनके द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई। ना ही उसके घर पर ए,एन,एम ,द्वारा कोई परामर्श देने की बात सोची गई । यहां तक कि बच्ची का नारा काटने की व्यवस्था जब नहीं हुई तो पुरानी परंपरा के आधार पर ही बच्ची का नाल भी कटवाया गया ।गांव के लोगों का ऐसा भी कहना है कि ए,एन,एम ,अपने मुख्यालय पर ही नहीं रहती हैं। तो वह कहां से मौके पर उपस्थित हो ।इस तरह की कई घटनाएं क्षेत्र में होती रहती है लेकिन स्वास्थ्य अमला ध्यान नहीं देता है । समय पर ए,एन,एम ने मौके पर उपस्थित नहीं हुई शासन प्रशासन भले यह कहता रहे कि सारी व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कोई व्यवस्था नहीं हो पाती है ।सोचनीय पहलु ये भी है की गोहपारू से चुहरि 17 किलोमीटर दूर होने पर 4 घंटे बाद वाहन पहोचना अपने में सवाल खड़ा करता है।