बीत गए महीना फिर भी हत्या की गुत्थी को नहीं सुलझा पाई माडा पुलिस 

बीत गए महीना फिर भी हत्या की गुत्थी को नहीं सुलझा पाई माडा पुलिस 


साहब मामला बधौरा  चौकी के  रैला गांव का है पुलिस के दावे की खुलने लगी है पोल


विराट वसुंधरा सिंगरौली 
अवनीश तिवारी ब्यूरो रिपोर्ट



सिंगरौली।। माडा थाना अंतर्गत पुलिस चौकी बधौरा के रैला गांव में एक वृद्ध को 20 ,21 नवंबर की रात में अज्ञात आरोपी ने धारदार हथियार से हमला कर निर्मम हत्या कर दिए थे हत्या की गुत्थी बधौरा चौकी प्रभारी व थाना प्रभारी माडा नहीं कर पाए हैं चुस्त दुरुस्त कानून व्यवस्था की दुहाई देने वाली पुलिस के ढोल की पोल भी खुलने लगी है


ज्ञात हो कि 20, 21 नवंबर की रात रेला निवासी भारत बसोर पिता रामकरण बसोर उम्र 65 वर्ष अपने घर के बाहर आंगन में सो रहा था कि अज्ञात बदमाशों ने हथियार से बृद्ध के सिरपर जानलेवा हमला कर मौत की नींद सुला दिए थे सुबह जब मृतक का पुत्र अचानक  की परछी में गया तो अपने पिता को लहूलुहान देखकर चीख पुकार करने लगा और उसकी आंखें फटी की फटी रह गई घटना की सूचना समीप पुलिस चौकी बधौरा व माडा  पुलिस को दी गई पुलिस मौके पर पहुंच शव को अपने कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम कराने के बाद विवेचना शुरू कर दी वहीं घटना के दिन रीवा रेंज के आईजी एसपी के साथ  सिंगरौली पहुंचे थे जहां उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए पुलिस और अधिकारियों थाना चौकी इंचार्ज के कड़े निर्देश देते हुए मामले को गंभीरता के साथ हत्यारों का पता लगाने के लिए कहा था किंतु हैरानी की बात है कि आईजी चंद्रशेखर के सख्त निर्देश के बावजूद माडा प्रभारी तथा चौकी प्रभारी इंचार्ज बधौरा अभी तक वृद्ध की निर्मम तरीके से हुई हत्या की गुत्थी नहीं सुलझा पाए लिहाजा माडा व बधौरा चौकी कि सुस्त कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह  खड़ा होने लगा है फ्री हाल माडा पुलिस भी इस बात को मान रही है कि अभी तक अंधी हत्या का गुत्थी नहीं सुलझ पाई है माडा पुलिस ने अपने सिर की बला चौकी प्रभारी पर थोप दिया है


*गुगे बहरे की नगरी कौन किसी का सुनता,,, साहब यह गाना तो आप सुने ही होंगे,,, अपना काम बनता तो भाड़ में जाए जनता*


माडा थाना व बधौरा चौकी क्षेत्र में रेत और अवैध शराब का कारोबार जोरों पर चल रहा है वहां के लोग यह बताते हैं कि साहब क्या काम पैसे से बन जाता है तो जनता के बीच में क्यों आकर इनकी दर्द को सुनेंगे यहां दिन-रात ट्रैक्टर से अवैध रेत उत्खनन चलता है लोगों का सोना मुहाल हो जाता है इतना ही नहीं साहब जगह-जगह अवैध शराब बेची जा रही है लेकिन माडा पुलिस और प्रभारी की मिलीभगत से इनके हौसले इतना बुलंद हो गए हैं कि साहब कमीशन खोरी के चक्कर में कार्यवाही नहीं हो पा रही है अगर कमीशन नहीं लेते तो जानकारी के बावजूद भी साहब कार्यवाही क्यों नहीं करते। क्षेत्र के युवा आज नशे के गिरफ्त में डूबे जा रहे हैं मां बाप से युवाओं की दूरी बनती जा रही है इसका जिम्मेदार पुलिस नहीं तो कौन है इसका जिम्मेदार अवैध नशीली दवाइयां व शराब बेचने वाले नहीं है तो कौन हैं।।